दोस्ती शायरी : आसमान से उतरी है तारों से सजाई है
दोस्ती शायरी : आसमान से उतरी है तारों से सजाई है
आसमान से उतरी है तारों से सजाई है,चाँद की चांदनी से नहलाई है,
मेरे दोस्त… संभल के रखना यह दोस्ती,
यह मेरी ज़िंदगी भर की कमाई है.
Dosti Shayari in Hindi |
साथ उसके टूटि हर आस पूरी होती है,
मिले दोस्त ऐसा समझ जाये दिल की बात,
फिर कहा कोई भी बात ज़रूरी होती है.
दोस्ती की वजह नहीं होती,
दोस्ती सजा नहीं होती,
दोस्ती में होती है ईमानदारी,
दोस्ती में दुनियदारी नहीं होती,
दोस्त जान से प्यारा होता है,
दोस्त से जान प्यारी नहीं होती.
रिश्तों के बंधन को विश्वास नहीं कहते,
हर आंसू को जज़्बात नही कहते,
किस्मत से मिलते है दोस्त जिंदगी में,
इसलिए दोस्ती को कभी इत्तेफ़ाक़ नहीं कहते!
एक दिन ज़िन्दगी ऐसे मुकाम पर पहुँच जाएगी,
दोस्ती तो सिर्फ यादों में रह जायेगी,
हर कप कॉफ़ी..याद दोस्तों की दिलाएगी,
औए हस्ते-हस्ते आँखें फिर नाम हो जायेगी.
दुआ करते हैं हम सरको झुकाये,
ऐ दोस्त तू अपनी मंज़िल को पाए,
अगर कभी तेरे राहों में अँधेरा आये तो,
रौशनी के लिए खुदा हम को जलाये.
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाह कर भी खामोश हो जाता है,
कोई सब कुछ कह कर दोस्ती जताता है,
तो कोई कुछ न कह के दोस्ती निभाता है.
हम वो फूल है जो रोज़ रोज़ नहीं खिलते,
है वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते,
हम से बिछडो गे, तो एहसास होगा तुम्हें,
हम वो दोस्त हैं जो रोज़ रोज़ नहीं मिलते.
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