दोस्ती शायरी : तुम्हारे जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे
दोस्ती शायरी : तुम्हारे जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे
दोस्ती शायरी |
ऐ दोस्त ज़िंदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना,
दिल की कोई भी बात हमसे कभी ना छुपाना,
साथ चलना मेरे तुम दुःख सुख में,
भटक जाऊ में जो कभी सही रास्ता दिखलाना. 👬
हर दूरी मिटानी पड़ती है
हर बात बतानी पड़ती है
लगता है दोस्तों के पास वक़्त ही नहीं है
आज कल.. खुद अपनी याद दिलानी पड़ती है.
हर ज़िन्दगी प्यार की मोहताज नहीं होता…
और हर सफ़ेद इमारत ताज नहीं होती
अरे प्यार मैं मरने वालो कभी यारी में जीकर देखो…
क्यूंकि कलयुग मैं कोई लड़की मुमताज नहीं होती…!!
दूरियों की ना परवाह किया करो
जब दिल चाहे याद किया करो
दुश्मन नहीं हैं दोस्त हैं हम आपके.
हम याद न कर पाए तो कभी आप भी याद किया करो! 👬
ज़िन्दगी भी क्या अजीब मोड़ लेती है
एक वक़्त ऐसा था जब हम अपने दोस्तों से कहते थे
चलो मिलकर कुछ प्लान बनाते हैं और
अब चलो मिलने का कोई प्लान बनाते हैं.
तुम्हारी इस अदा का क्या जवाब दू
अपने दोस्त को क्या उपहार दू
कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मंगवाता
जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दू. 👬
तुम्हारी याद दिल से जाने नहीं देंगे
तुम्हारे जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे
रोज शराफत याद कर लिया करो वर्ना
एक कान के निचे देंगे और रोने भी नहीं देंगे.
एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें
ज़ख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें
सब कुछ लूटा देते हैं दोस्ती मे क्युंकि दोस्ती निभाने की आदत है हमें!
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