Sad Shayari : Bhale Hi Kisi Gair Ki Jagir Thi

Sad Shayari : Bhale Hi Kisi Gair Ki Jagir Thi

Sad Hindi Shayari
Sad Hindi Shayari
भले ही किसी गैर की जागीर थीं वो,
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थीं वो,
मुझे मिलती तो कैसे मिलती,
किसी और की हिस्से की तक़दीर थीं वो।

मैंने पूछा कहाँ हो तुम..?
उसने कहा तेरी साँसों में, तेरे दिल में,
तेरे ख्यालों में, तेरी नास-नस में , 
मैंने पूछा कहाँ नहीं हो? 
उसने कहा सिर्फ तेरी किस्मत में।

चल मेरे हमनशी आज कही और चल,
इस चमन में अब अपना कही गुज़ारा नहीं,
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम भी,
अब तो काँटों पे भी हक़ हमारा नहीं।

इतनी बेचैनी से तुमको किसकी तलाश है,
वो कौन है जो तेरी आंखों की प्यास है,
जबसे मिला हूं तुमसे यही सोचता हूं मैं,
क्यों मेरे दिल को हो रहा तेरा एहसास है,
जिंदगी के इस मोड़ पे तुम आके यूं मिले,
जैसे कि कोई मंजिल मेरे इतने पास है,
एक नजर की आस में तकता हूं मैं तुझे,
अब देख तेरे खातिर एक आशिक उदास है।

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