Usey Pasand Hai By Nidhi Narwal | Love Poetry | The Hindi Shayari Poetry
Usey Pasand Hai By Nidhi Narwal | Love Poetry | The Hindi Shayari Poetry
The Hindi Shayari Poetry
बाते बे हिसाब बताना-2 , कुछ कहते कहते चुप हो जाना-2उसे जताना, उसे सुनाना, वो कहता है,उसे पसंद है ।। - 2
ये निगाहें खुला मैखना है, वो कहता है दरबान बैठा दो।।
हल्का सा ,बस हल्का सा, वो कहता है तुम काजल लगा लो ।।
वैसे मेरा ये शौक नहीं, पर हां उसे पसंद हैं,
दुपट्टा एक तरफ ही डाला हैं ,
वो कहता था, तुम सूट सादा ही पहन लो बेशक,
तुम्हारी तो सूरत से उजाला है ।।
तुम्हारे होठों के पास जो तिल काला है,
बताया था उसने उसे पसंद है।
वो मिलता है तो हंस देती हूं,
चलते चलते हाथ थाम कर, उससे बेपरवाह सब कहती हूं,
शोहबत में उसकी जब चलती है हवाएं, मैं हवाओं सी मद्धम में बहती हूं ।।
मन्नत पढ़कर नदी में पत्थर फेकना, मेरा जाते - जाते यू मुड़ कर देखना,
और वो जब गुजरे मेरी गलियों से मेरा खिड़की से यू छुपकर देखना ,उसे पसंद है।
जुल्फो को खुला ही रख लेती हूं,
उसके कुल्हड़ से चाय चख लेती हूं, मैं मंदिर में सर जब ढक लेती हुं, वो कहता है कि उसे पसंद है ।
ये झुमका उसकी पसंद का है,और ये मुस्कराहट उसे पसंद है।।
लोग पूछते है सबब मेरी अदाओं का ,
मै कहती हूं उस पसंद है।।
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