हिंदी शायरी - जिस्म की दरारों से रूह दिखने लगी है - Hindi Shayari
हिंदी शायरी - जिस्म की दरारों से रूह दिखने लगी है - Hindi Shayari
Hindi Shayari |
उन्होने एक बिँदी भी लगाई तो वो भी हमारी आँखो मे देखकर…🙏💞
फिर चुपके से याद आ गया कोई,
इन हसती हुई आँखों को रुला गया कोई,
क्या थी उनके चहेरे की मासूमियत,
इस नफरत भरे दिल को महोब्बत सिखा गया कोई !!
उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं,
इश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो ज़रूरी तो नही!!
जिस्म की दरारों से रूह दिखने लगी है,
बहुत अंदर तक तोड़ गया तेरा इश्क़ मुझे!!
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