न्यू शायरी हिंदी में : नादान आइने को क्या ख़बर कि

न्यू शायरी हिंदी में : नादान आइने को क्या ख़बर कि

नादान आइने को क्या ख़बर कि..
एक चेहरा, चेहरे के अंदर भी होता है।
हिंदी शायरी
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अगर तुम्हे यकीन नहीं तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास,
अगर तुम्हे यकीन है तो मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं।

मैं न कहूँगा दांस्ता अपनी..
फिर कहोगे सुनी नहीं जाती।
आसमा में मत ढूंडो सपनों को
सपनों के लिए जमी भी जरूरी है,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का मजा क्या..
जीने के लिए एक कमी भी जरूरी है।

रिश्तों पर रुपयों की किश्ते जोड़ देते है,
खाली हो जेब तो अपने हर रिश्तें तोड़ देते है।

जब भी देखती हूँ किसी गरीब को हँसते हुए,
तो यकीन आ जाता है कि खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता।

रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे,
जब हर साजीश के पिछे अपने निकलेंगे।

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