Mohabbat Ke Bad Mohabbat Mumkin To Hain
Mohabbat Ke Bad Mohabbat Mumkin To Hain

Mohabbat Shayari
बदल जाओ भले तुम मगर इतना याद रखना,
कहीं पछतावा ना बन जाये हमसे बेरुखी इतनी।
बस तुम्हें पाने की अब तमन्ना नहीं रही,
मोहब्बत तो आज भी तुमसे हम बेशुमार करते हैं।
बेवक्त, बेवजह, बे-सबब सी बेरुखी तेरी,
फिर भी बेइंतेहा चाहत की बेबसी मेरी।
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है,
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है।
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