Hindi Shayari : Shaq Se Bhi Aksar Khatm Ho Jate Hain
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| Hindi Shayari |
शक़ से भी अक्सर ख़त्म हो जाते हैं रिश्ते,
कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता।
रब से प्यारा कोई नाम नहीं होता,
उसकी इबादत से बड़ा कोई काम नहीं होता,
दुनिया की मोहब्बत में है रुस्वाइयाँ,
पर उसकी मोहब्बत में कोई बदनाम नहीं होता।
समझ ना आया ऐ जिंदगी तेरा ये फलसफा,
एक तरफ कहती है सबर का फल मीठा होता है,
और दूसरी तरफ कहती है,
वक़्त किसी का इंतजार नही करता।
नजर नजर से मिलेगी तो सर झुका लेगा,
वह बेवफा है मेरा इम्तिहान क्या लेगा,
उसे चिराग जलाने को मत कहा कीजिए,
वह ना समझ है कहीं उंगलियां जला लेगा।
रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ,
चाहे हम खुशियों में माँ को भूल जायें दोस्तों,
जब मुसीबत सर पे आ जाए, तो याद आती है माँ।
आज मुझे फिर इस बात का गुमान हो,
मस्जिद में भजन, मंदिरों में अज़ान हो,
खून का रंग फिर एक जैसा हो,
तुम मनाओ दिवाली, मैं कहूं रमजान हो।


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