Zindagi Shayari : Maine Zindagi Se Puchha

Zindagi Shayari : Maine Zindagi Se Puchha

किस्मत पर नाज़ है तो वजह तेरी रहमत,
खुशियां जो पास है तो वजह तेरी रहमत,
मेरे अपने मेरे साथ है तो वजह तेरी रहमत,
मैं तुझसे मोहब्बत की तलब कैसे न करूँ,
चलती जो ये सांस है तो वजह तेरी रहमत।

कुछ अलग ही करना है,
तो वफ़ा करो दोस्त,
वरना मज़बूरी का नाम लेकर,
बेवफाई तो सभी करते है।

जिल्लत की जिंदगी से अच्छा है शान से मर जाना,
मौत से बदतर है मौत के खौफ से डर जाना,
जिन्दादिली है जिंदगी को मुस्कुरा के जीना,
बुजदिली है दौरे गम में टूटकर बिखर जाना।

कागज़ के नोटों से आखिर,
किस किस को खरीदोगे,
किस्मत परखने के लिए यहाँ आज भी,
सिक्का ही उछाला जाता है।

सतरंगी अरमानों वाले, सपने दिल में पलते हैं,
आशा और निराशा की, धुन में रोज मचलते हैं ,
बरस-बरस के सावन सोंचे, प्यास मिटाई दुनिया की,
वो क्या जाने दीवाने तो सावन में ही जलते है।

मैंने जिन्दगी से पूछा,
सबको इतना दर्द क्यों देती हो,
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया,
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हुँ,
पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है।

सारा जहान उसी का है, जो मुस्कुराना जानता है,
रौशनी भी उसी की है, जो शमा जलाना जानता है,
हर जगह मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारे हैं,
लेकिन ईश्वर तो उसी का है, जो सिर झुकाना जानता है।

समझ ना आया ऐ जिंदगी तेरा ये फलसफा,
एक तरफ कहती है सबर का फल मीठा होता है,
और दूसरी तरफ कहती है,
वक़्त किसी का इंतजार नही करता।

जिंदगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जाय,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं कि मर मर कर जिया जाए,
जब जलेबी की तरह उलझ ही रही है तू ए जिंदगी,
तो फिर क्यों न तुझे चाशनी में डुबा कर मजा ले ही लिया जाए।

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