Dard Shayari : Hum To Jee Rahe The Unaka Nam Lekar
Dard Shayari : Hum To Jee Rahe The Unaka Nam Lekar
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वक्त गुजरता रहा पर साँसे थमी सी थी,
मुस्कुरा रहे थे हम पर आँखों मे नमी सी थी,
साथ हमारे ये जहाँ था सारा,
पर ना जाने क्यों तुम्हारी कमी सी थी।
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हुमको,
हमने पूछा कैसे,
तो चले गये हाथो मे जाम देकर।
चलो हम गलत थे ये मान लेते है,
ऎ जिंदगी,
पर एक बात बता, क्या वो शख्स सही था,
जो बदल गया इतना करीब आने के बाद।
क्या अजीब सी ज़िद है,
हम दोनों की,
तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की,
और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की।
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं,
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ,
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं।
कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं,
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं,
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है,
पर अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं।
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