2 Line Shayari : Suna Hain Tumhari Ek Nigah

2 Line Shayari : Suna Hain Tumhari Ek Nigah

2 Line Shayari
2 Line Shayari
सुना है तुम्हारी एक निगाह से कत्ल होते हैं लोग,
एक नज़र हमको भी देख लो.. ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती।

वो इतना रोई मेरी मौत पर मुझे जगाने के लिए,
मैं मरता ही क्यूँ अगर वो थोडा रो देती मुझे पाने के लिए।

इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता।

लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ,
ऐ खुदा.. एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला।

हम तो बिछडे थे तुमको अपना अहसास दिलाने के लिए,
मगर तुमने तो मेरे बिना जीना ही सिख लिया।

ताला लगा दिया दिल को.. अब तेरे बिन किसी का अरमान नहीं,
बंद होकर फिर खुल जाए, ये कोई दुकान नहीं।

सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था।

जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते , वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब,
बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँ बनायी , जिसे कहते हैं ख्वाब।

जुनून, हौसला, और पागलपन आज भी वही है,
मैंने जीने का तरीका बदला है तेवर नहीं।

हम ने भी कह दिया उनसे की बहुत हो गयी जंग बस,
बस ए मोहब्बत तुझे फ़तेह मुबारक मेरी शिक्स्त हुई।

पहले रिम-झिम फिर बरसात और अचानक कडी धूप,
मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है।

किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर,
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर।

बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे,
बारिश में जिस्म भीगता हैं और महोबत मैं आँखे।

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना,
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो।

कल क्या खूब इश्क़ से मैने बदला लिया,
कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे ज़ला दिया।

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